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बस कभी कुछ ऐसा हो

Updated: Dec 8, 2020

बस कभी कुछ ऐसा हो बारिश का मौसम हो एक कॉफी कैफे हो जहां मैं और तुम हो Light थोड़ी डिम हो Music थोड़ा Sim हो हाथों में हाथ लिए बैठे हों नजरों में बात लिए बैठे हों बस कभी कुछ ऐसा हो Violin पर एक धुन हो Caffe का माहौल सुन्न हो कैपचिनो के सिप हों माहौल प्यार में Dip हो शाम बिल्कुल धीमी हो Coffee में कम चीनी हो तेरे साथ की मिठास हो ना कोई आस पास हो बस कभी कुछ ऐसा हो हवा भी मध्यम हो मौसम भी नम हो बहकती बहारें हों बातों की कतारें हों आंखों के इशारे हों चहरे पर हंसी हो दिल में खुशी हो बातें हों यादें हों ख़्वाब हो राज हों और साथ रहने का वायदा हो निभाने का इरादा हो बस कभी कुछ ऐसा हो ।।


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Shayar Malang

मस्त हूँ ... मलंग हूँ ... फक्कड भी ..,

ईश्किया हूँ ... दिवाना हूँ ... घुमक्कड़ भी ...

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