top of page
Writer's pictureShayar Malang

कुछ ऐसा है तू

हवाओं के साज जैसा तू

दुआओं के अल्फाज जैसा तू


मुस्कुराहटों में खुशबू सा है तू

यादों में ख़्वाब सा है तू


बहारों में रंग सा है तू

दिल में उमंग सा है तू


सुबह की ताजगी सा है तू

शाम की खूबसूरती सा है तू


बांसुरी के संगीत सा है तू

मीरा के गीत सा है तू


गीता के शलोक सा है तू

राधा के व्योग सा है तू


इत्र में महक सा है तू

बचपने की चहक सा है तू


सबके लिए कुछ अलग सा है तू

इश्क़ कुछ कुछ मेरे जैसा है तू.!!


✍️ शायर मलंग

Recent Posts

See All

5 Comments


Amit Sharma
Amit Sharma
Mar 08, 2021

वाह भयंकर

Like

उम्दा काके

Like
Dinesh Kumar
Dinesh Kumar
Mar 08, 2021
Replying to

शुक्रिया काके

Like

Arushi Choudhary
Arushi Choudhary
Mar 07, 2021

हर शब्द एहसास से भरा हुआ है 👌👏👏

Like
Dinesh Kumar
Dinesh Kumar
Mar 07, 2021
Replying to

शुक्रिया "दी"

Like
bottom of page